घाटी में अमन के रास्ते तलाशने के लिए श्रीनगर पहुंचा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
माना जा रहा है कि ये दल पिछले करीब 2 महीने से सुलग रही घाटी में एक बार फिर अमन-चैन के रास्ते तलाशेगा। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के लिए हुर्रियत के नेताओं को भी बुलाया गया है। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अलगाववादी नेताओं को एक चिट्ठी लिखकर बातचीत का न्यौता भेजा है।
इस दल के पहुंचने से पहले ही सरकार ने घाटी में विवादित पेलेट गन की जगह 1000 पावा शेल गन भेजी, जिससे ये संदेश जाए कि सरकार पेलेट गन को धीरे-धीरे खत्म करने की ओर है। पिछले करीब 2 महीने से भड़की हिंसा को खत्म करने के लिए 20 दलों के 30 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार की रात वापस लौटेगा। उम्मीद यही है कि ये कोशिश रंग लाएगी और घाटी में ये सूनसान सड़कें फिर गुलजार होंगी।
जम्मू-कश्मीर के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दौरे की पूर्व संध्या पर शनिवार को सरकार ने कहा था कि प्रतिनिधिमंडल दल के सदस्य अलगाववादियों सहित समाज के किसी भी हिस्से से बातचीत करने के लिए स्वतंत्र होंगे, हालांकि सरकार ने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सभी दलों से एक स्वर में अपनी बात रखने का अनुरोध भी किया।
एक सूत्र के मुताबिक- सरकार चाहती है कि सभी दल न सिर्फ कश्मीर घाटी में शांति बहाली के एकमात्र उद्देश्य को व्यक्त करें बल्कि सभी एक स्वर में अपनी बात रखें। गौरतलब है कि कश्मीर घाटी दो महीने से अस्थिरता और हिंसा के दौर से गुजर रही है।